महाविद्यालय का परिचय
महाविद्यालय की स्थापना द्वारा सन् 1979 में हुई । महाविद्यालय के वृहद् रुपरेखा के कारण व्यवहारिक अंत: सज्जा के फलस्वरूप बिहार सरकार के इंटर मीडिएट वोर्ड के द्वारा इस महाविद्यालय (इंटर का) 18 जुलाई 1981 को वितरहित, डिग्रीरहित स्थायी सम्बन्ध प्राप्त हुआ । तब से सही गति एवं विकास की रुपरेखा बढ़ता चला गया । प्रारम्भिक काल में इस महाविद्यालय को प्राचार्य के रूप में श्री संत कुमार सिन्हा एवं डा० विष्णु देवी यादव का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ । जिसका परिमाम आज सर्वो के सामने है । इन सर्बो के सहयोग से विधि पूर्वक सही शिक्षकों एवं कर्मचारियों का चयन किया गया । समाज सेवी योद्धा पालाकार की अगुवाई में पुन: इस महाविद्यालय को झंडापुर (भागलपुर) निवासी उपेन्द्र प्रसाद मित्रा के द्वारा 29 एकड़ 72 डि० जमीन दान स्वरूप प्राप्त हुआ । महाविद्यालय के उत्तरोत्तर विकास की घड़ी में कुछ समयों के अन्तराल में झंझावात भी पैदा हुई जिससे महाविद्यालय के विकास की गति में कमी आई, परन्तु पुन: इतिहास बेत्ताओ ने महाविद्यालय को राजनैतिक दल – दल से बाहर निकाल कर पुन: विकास की और लाने का कार्य की अगुवाई कर रहें, महाविद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को स्थानीय विधायक श्री विभाषचन्द्र चौधरी...